जख्म जो भीतर ही भीतर बहते हैं...
पनपते हैं दिल के कोनों में,
बडा देते है दर्द,
पर देते है उसे भी ज्यादा ताकद..
ये कहानिया, ये किस्से, अफसाने, नज्म
ये अविष्कार, ये खोज,
अधुरी ही रह जाते गर दर्द ना होता
मुझको तो बडा हसीन लगता है
वो दर्द
जो मेरे रूह को और बुलंद करता है
रहने दो, बहने दो, उधेड जाने दो
कभी जख्म पर चढी परत
आखिर जो मुखर गया दर्द से
समझो कि जिंदगी से...
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