अभी अभी बरसे बारीश से
पुछा है दिल ने दिल से
बडी बेचैनी से बरस रहा है तू
क्या उब गया तू भी तनहाई से
चल फिर तुझे ही सुना दू,
मेरे दिल का रंज ए फरयाद
तू उसे बादलो संग उडा ले
बुंदो मे कैद कर दे और
बरस जा उनके गली.. बनके याद
और सून
कभी किसी गिली राह पर
उनसे ही मुलाकात करा दे
मोहब्बत का सबब तू उन्हे
कानो मे सुना दे
उनके धडकनो कि रफ्तार मे
मुझे इत्मिनान से शरिक करा दे, और
इजाजत जो मांगे वो निकलने कि
कुछ ऐसी भिगी साजीशे करा दे
कि तेरे हर बुंद मे मेरा इश्क नजर आये..
मेरे हर अक्स मे बुंदे नजर आये...
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