शुक्रवार, २७ जुलै, २०१८

अर्सो बाद

अर्सो बाद उनसे मुलाकात हुई
निगाहोंसे निगाह मिले
पर कोई  बात ना हुई
एक ही नजर में पहचान लिया
मिली नजर, चुराया तो नही
लेकिन जताया भी किसीने नहीं
चुपचाप से खडे थे बीच रास्ते
दस कदम की दूरी पर
एक दुसरे को ताडते हुए
बस एक ही पल की बात होगी
लगा सदियों गुजर गये
मोहब्बत की आँखमिचोली में
वह जम गये थे अपनी जमिन से
मैं थम गयी थी अपनी जगह पे
दरमियॉंन जहॉं था, बह रहा था
हम रद ए अमाल में उलझ गये
कदम कदम चलने लगे
बीच के संगम पे मिल गये
बिनाबात शायद बात हुई
धडकने तेज मालुम हुई
फिर आहिस्तासे आहिस्ता
लॉंघा जो एक दुजे को,टकराके
जिंदगी फिर आसान लगने लगी

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