अक्सर जब लोग मुझे पूछते है कि
क्या तुमने कभी किसी से 
मोहब्बत की है, 
क्या तुम्हे कभी किसी से 
मोहब्बत हुई है, 
मै तपाक से जवाब देती हूं, नही !
मुझे कभी किसी से 
मोहब्बत नही हुई 
पर ये ना कहते वक्त 
नजाने मेरे दिल में 
तुम्हारी तस्वीर क्यों उभरती हैं...
बडा मुश्किल है ये तुम्हारे लिये
मोहब्बत से इन्कार करना 
बडे ताव से नकारती हो
अपने जजबात, फिर खुद ही
हैराण मालूम होती हो 
सच बताओ, क्या तुम्हे भी
पता है, 
तुम्हारी कजरारी नयनो मे..
मेरा चेहरा दिख ही जाता..
तुम्हारे हर ना के साथ
हर इन्कार के बाद.
 
 
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