तुमने कुछ कहा नहीं
हमने कुछ सुना नहीं
हमने जो देखा
वो तुम्हे दिखाना नहीं...
आरजू थे जो कुछ तुम्हारे
तुमने कभी जताए नहीं
हमने भी अपने खयालोंको
कभी बताया नहीं...
नजाने कैसे ये खाव्ब है
कैसी ये बेताबी है
जो अफसाना सुलझाना था
वही उलझ रहा है...
किसने ये गम का तराना छेड़ा
क्यों इस शाम को मायूस किया
जो अनकहा अनसुना था
क्यों किसीने हलकेसे गुनगुना दिया...
रोज रत सिरहनेपर
आंखे नम होती है
आंसू गिरते भी
तो आवाज नहीं होती है...
कैसी ये खुदाई है,
कुछ तुमने महसूस किया
कुछ हमने मह्सुस किया
एह्सासोंके जुबानो को अगर्चे
किसीने सुना नहीं...
जुदा जुदा है रास्ते हमारे
जुदा जुदा ही चल रहे है
खैर, हमे तो बस इतनीही राहत है
तुम्हारे दिल का हाल भी
हमारे दिल से कुछ खास जुदा नहीं....
bahut khub
उत्तर द्याहटवाek no....!solid...!
उत्तर द्याहटवा